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काश ये दुनिया छोड़ देता
Wonderful poem by a great friend… हर दिन कोशिश यही करता चूका देता उधार यहाँ के न इसका कोई क़र्ज़ मुझपे होता शुन्य सा जीवन करके काश ये दुनिया छोड़ देता इसी तमन्ना में ढूढता फिरता इधर- उधर हर …